Dara Singh
दारा सिंह: विंदू दारा सिंह के इंटरव्यू से उनके गुस्से और प्यार भरी यादें
दारा सिंह (जन्म: 19 नवंबर 1928, धर्मुच्छक गांव, पंजाब) भारतीय कुश्ती के भगवान और बॉलीवुड के महान अभिनेता थे, जिनकी पुण्यतिथि 12 जुलाई को मनाई जाती है। उनके बेटे विंदू दारा सिंह ने एक इंटरव्यू में बताया कि उन्होंने अपने पिता को जीवन में केवल तीन बार गुस्सा होते देखा, जो उनकी शांत स्वभाव को दर्शाता है। आज उनके जन्मदिवस पर ये यादें दोबारा साझा की जा रही हैं, जो पहले भी किस्सा टीवी पर वायरल हुई थीं।
विंदू द्वारा साझा तीन गुस्से की घटनाएं
पहली घटना: दारा सिंह समंदर किनारे साइकिलिंग कर रहे थे, मां वॉक पर थीं। कुछ लोगों ने मां को सीटी मारी, बिना जाने कि वो दारा सिंह की पत्नी हैं। दारा जी भड़क गए, उन लोगों के पीछे दौड़े, लेकिन भाग निकले। विंदू ने पहली बार पिता को इतना गुस्सा देखा।
दूसरी घटना: एक सरदार लड़का कॉलेज जाते सिगरेट पीता था। दारा जी को बुरा लगा, उसे पकड़कर धमकाया और चेतावनी दी कि दोबारा सिगरेट पीते देखा तो पिटाई करेंगे।
तीसरी घटना: विंदू चौथी क्लास में थे। घर के कबर्ड से कार की चाबी मिली, इंपाला कार रिवर्स में चल पड़ी। शाम को दारा जी को पता चला, विंदू पर भड़के और खूब डांट लगाई।
विंदू ने कहा, "अपने पिता दारा सिंह को तीन दफ़ा गुस्सा होते हुए देखा है मैंने। वैसे वो गुस्सा बहुत कम करते थे।"
दारा सिंह की उम्रदराज जिंदगी की कहानियां
75 साल की उम्र: रीढ़ की हड्डी नर्व्स पर दबाव डाल रही थी, दायां हाथ-पैर कमजोर हो गए। डॉक्टर की एक्सरसाइज से ठीक हो गए।
76 साल की उम्र: घुटने प्रत्यारोपण ऑपरेशन से हिचकिचाए, लेकिन धर्मेंद्र के ऑपरेशन की बात सुनकर मान गए और सर्जरी कराई। विंदू ने बताया, "धरम जी को अब काफ़ी आराम है, तो पिता जी भी मान गए।"
ये यादें दारा सिंह के सख्त लेकिन प्यार भरे व्यक्तित्व को दिखाती हैं ।
तस्वीरें और पुरानी यादें
प्रमोशनल तस्वीरों में दारा सिंह की कुश्ती वाली जोशीली फोटोज, विंदू के साथ पारिवारिक पिक्चर्स, समंदर किनारे साइकिलिंग के सीन, और उम्रदराज दारा जी की सर्जरी वाली तस्वीरें शामिल हैं। इंटरव्यू क्लिप्स में विंदू भावुक होकर पिता को नमन करते नजर आते हैं [#DaraSingh][#VinduDaraSingh]।
दारा सिंह को शत-शत नमन। उनकी यादें कुश्ती, फिल्मों और परिवार के प्रति समर्पण से भरी हैं, जो आज भी प्रेरणा देती हैं। ये रीपोस्ट स्टोरी उनके जन्मदिवस पर उन पाठकों के लिए है जो पहले नहीं पढ़ सके।


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